कितना अच्छा था छायावादी एक दुःख लेकर वह गान देता था कितना कुशल था प्रगतिवादी हर दुःख का कारण पहचान लेता था। प्रस्तुत पंक्तियाँ किस कवि की है?कितना अच्छा था छायावादी एक दुःख लेकर वह गान देता था कितना कुशल था प्रगतिवादी हर दुःख का कारण पहचान लेता था। प्रस्तुत पंक्तियाँ किस कवि की है?
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