“परमात्मा की छाया आत्मा में और आत्मा की छाया परमात्मा में पड़ने लगती है । यही छायावाद है ।” यह परिभाषा किस आलोचक की है ?

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ज्योति राजपूत
Apr 05, 2021 05:40 PM 0 Answers
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प्रश्न :-"परमात्मा की छाया आत्मा में और आत्मा की छाया परमात्मा में पड़ने लगती है । यही छायावाद है ।" यह परिभाषा किस आलोचक की है ?

उत्तर :- रामकुमार वर्मा

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