“तुम्हें गैरों से कब फुर्सत ,हम अपने ग़म से कब खाली, चलो बस हो चुका मिलना न हम खाली न तुम खाली। “उपरोक्त पंक्तियां किस निबंध से ली गई है?

0
ज्योति राजपूत
Apr 05, 2021 04:56 PM 0 Answers
Member Since Dec 2020
Subscribed Subscribe Not subscribe
Flag(0)

प्रश्न :- "तुम्हें गैरों से कब फुर्सत ,हम अपने ग़म से कब खाली,चलो बस हो चुका मिलना न हम खाली न तुम खाली।"उपरोक्त पंक्तियां किस निबंध से ली गई है?

उत्तर :- भारतेंदु हरिश्चंद्र रचित "भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है।"

0 Subscribers
Submit Answer
Please login to submit answer.
0 Answers