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“तुम नहीं जानती, कर्ज कोढ़ का रोग होता है, एक बार लगने से तन तो गलता ही है, मन भी रोगी हो जाता है।” किस कहानी की पंक्तिया है?
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ज्योति राजपूत
प्रश्न -"तुम नहीं जानती, कर्ज कोढ़ का रोग होता है, एक बार लगने से तन तो गलता ही है, मन भी रोगी हो जाता है।" किस कहानी की पंक्तिया है?
उत्तर - राजा निरबंसिया
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