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कितना अच्छा था छायावादी एक दुःख लेकर वह गान देता था कितना कुशल था प्रगतिवादी हर दुःख का कारण पहचान लेता था। प्रस्तुत पंक्तियाँ किस कवि की है?
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ज्योति राजपूत
प्रश्न -"कितना अच्छा था छायावादी,एक दुःख लेकर वह गान देता था ।
कितना कुशल था प्रगतिवादी हर दुःख का कारण पहचान लेता था। प्रस्तुत पंक्तियाँ किस कवि की है?
उत्तर - रघुवीर सहाय
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