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“आंगन के पार द्वार की अंतिम कविता असाध्य्वीणा में मौन भी है , समर्पण भी है , अद्वैत भी है , रचना प्रक्रिया भी है , रहस्य भी है , यदि नहीं है तो संवेदना । “किनका कथन ?
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ज्योति राजपूत
प्रश्न :-"आंगन के पार द्वार की अंतिम कविता असाध्य्वीणा में मौन भी है , समर्पण भी है , अद्वैत भी है , रचना प्रक्रिया भी है , रहस्य भी है , यदि नहीं है तो संवेदना ।"किसका कथन है?
उत्तर :- बच्चन सिंह
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